बर्बादी का दूसरा नाम है नशा
नशे से दूर रहे और इसके चंगुल से आजाद हो जाए बर्बादी का दूसरा नाम है नशा, इसलिए जरूरी है कि इंसान नशे से दूर रहे और अगर लत लग ही जाए तो पूरी कोशिश कर इसके चंगुल से आजाद हो जाए। ऐसा करना मुश्किल जरूर है, पर नामुमकिन नहीं। शराब की लत (ऐल्कॉहॉलिजम) के शिकार लोगों को जब तक शराब न मिले, तब तक वे बेचैन रहते हैं। ऐसे लोग नशे के सेवन से पहले असामान्य रहते हैं और उसे पाने के बाद खुद को सामान्य स्थिति में पाते हैं। यह स्थिति ऐसे लोगों को पूरी तरह बीमार बना देती है। शराब की लत एक लाइलाज बीमारी है। शराब पीने की लत एक चतुर, शक्तिशाली और मायावी बीमारी है। इसकी गिरफ्त में आने वाला इसे पाने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाता है। शराबी को जब इसकी तलब होती है तो वह झूठ बोलने, कसमें खाने से भी परहेज नहीं करता। वह इस लत के सामने खुद को कमजोर पाता है। लत के लक्षण अगर किसी शख्स में नीचे दिए गए लक्षण नजर आते हैं तो उसे शराब की लत हो सकती है। ये लक्षण व्यक्ति विशेष में अलग-अलग पाए जाते हैं। - घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, अति उत्सुकता। - गुस्सा आना, मूड में अचानक बदलाव। - तनाव