योग मुद्रा के जरिये आप इसपर आसानी से काबू पा सकते हैं। इसकी शुरूआत ओम के उच्चारण से करें, इससे दिमाग के ऊपर भंवरे के मंडराने का एहसास होने लगता है, ऑक्सीजन का स्तर भी ठीक रहता है और सुनने की क्षमता बढ़ती है। इसे करने के लिए वज्रासन में बैठकर ओम शब्द का उच्चारण करते हुए सांस अंदर-बाहर कीजिए। यह महसूस करें कि आपका मस्तिष्क शांत हो रहा है। इसके बाद दोनों हाथों को आपस में रगड़कर मुंह के ऊपर रखें। इसके बाद भ्रामरी प्राणायाम करें। अंगूठे को कान और दूसरी उंगली को चेहरे पर रखें। फिर ओम का उच्चारण कर सांस अंदर कीजिए, इस क्रिया को 20 से 25 बार करें। योग के जरिये बच्चों का संपूर्ण विकास किया जा सकता है। इसके लिए प्राणायाम बहुत ही फायदेमंद आसान है। प्राणायाम का मतलब है प्राण और याम, यानी प्राण और शक्ति अर्थात जीवनशक्ति। अगर मानव शरीर के अंदर प्राण वायु न चले तो इंसान के शरीर अस्तित्व नहीं है, इसलिए इसे बहुत ही प्रभावी माना गया है। भगवान बुद्ध भी सांसों की गति को गिनते थे, योग से सांस को नियंत्रित किया जा सकता है। वर्तमान में लोगों की स्वांस लेने की क्षमता कम हुई, आप जितनी ज्...
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